EDU-SAT का अर्थ, आवश्यकता व महत्व


EDU-SAT  का पूरा नाम (Education Satelite) शिक्षा उपग्रह है।भारत में सर्वप्रथम 20 सितम्बर 2004 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रेक्षपण स्थल सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र से सफल परीक्षण किया गया। यह ढाई वर्षों में 80,000 रूपये की लागत से बना है। यह 2 टन वाला उपग्रह धरती से 36 हजार किमी की ऊंचाई पर चक्कर काट रहा है। इसकी सहायता से शिक्षक व विद्यार्थी दुनिया के किसी भी कोने में एक आभासी कक्षा के अन्तर्गत शैक्षिक क्रिया सरलता से कर सकते हैं।

भारत में 1975 से 2020 तक कई उपग्रहों का ISRO द्वारा सफल परीक्षण किया गया परन्तु 2004 में ऐडू-सैट पहला ऐसा शिक्षा से सम्बन्धित भारत का उपग्रह है जिसने दुनिया के किसी भी कोने में बैठे दो तरफा शैक्षिक संचार को सफल बनाया है।

अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारत की एकमात्र अंतरिक्ष एजेंसी है। इसरो का मुख्यालय बैंगलोर में है।
इसरो के वर्तमान अध्यक्ष एएस किरण कुमार है। 17 जनवरी 2020 को जीसैट-30 फ्रेंच गुआना से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया । यह उपग्रह ISRO द्वारा  INSAT-4A के प्रतिस्थापन के रूप में लॉन्च किया गया। यह इसरो द्वारा लॉन्च किया गया 41 वाँ संचार उपग्रह है।यह सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप को उन्नत दूरसंचार सेवाएं प्रदान करता है।

ऐडू-सेट की आवश्यकता:-

शिक्षा प्राप्ति का प्रथम साधन विद्यालय के होते हुए भी विद्यालय के प्रशासन की मनमाने ढंग से काम करने के कारण बहुत से बच्चे शिक्षा प्राप्त नही कर पाते। परंतु ऐडू-सेट ऐसा उपग्रह है जिसकी सहायता से उन दुर्गम स्थानों पर शिक्षा पहुंच सकी और बच्चे अपनी इच्छा अनुसार अपने स्थान पर शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।

      आज भी सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था नहीं है और प्राइवेट विद्यालयों में फीस की मांग अधिक है। परन्तु  तकनीकी साधन टी.वी. व मोबाइल अधिकतर क्षेत्रों में उपलब्ध है। ऐडू-सैट के माध्यम टी. वी. पर शैक्षिक दूरदर्शन व मोबाइल पर विभिन्न वेबसाइट्स जो विभिन्न प्रकार के कोर्स जो प्रत्येक आयु वर्ग के अनुसार व दुनिया के किसी भी कोने में उपलब्ध है।

                                शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लिए एक ऐसे माध्यम की आवश्यकता है जो दुनिया के हर कोने में शिक्षा को पहुंचा सके और शिक्षक व छात्र दोनों को कहीं भी आने-जाने की आवश्यकता न पड़े। ऐडू-सैट ही वह माध्यम है जिससे शिक्षक शिक्षा प्रदान कर सकता है और छात्र शिक्षा गृहण कर सकता है। इसके माध्यम से शिक्षा में दो तरफा संचार सम्भव हो सका है। ऐडू-सेट की अवश्यकता निम्न कारणों से है-

(1.)एक ऐसा माध्यम जो दुनिया के कुछ शिक्षा से अछूते क्षेत्रों में शिक्षा को पहुंचा सके।
(2.) दिन-प्रतिदिन हो रहे तकनीकी परिवर्तनों का सही प्रयोग (शिक्षा में) करने के लिये।
(3.) देश को विकासशील से विकसित बनाने प्रत्येक व्यक्ति का शिक्षित होना आवश्यक जो ऐडू-सैट से ही सम्भव हो सका है।
(4.)शिक्षा के सार्वभौमिकरण में ऐडू-सेट बहुत अधिक सहायक है।
(5.)शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक शहर से दूसरे शहर नहीं जाना पड़ता जो ऐडू-सेट से ही सम्भव हो सका है।
(6.) शिक्षा के अतिरिक्त सभी देशों की संस्कृति व वेशभूषा के ज्ञान में सहायक है जो शिक्षा का ही अंग है।
(7.)ऐडू-सेट के माध्यम से प्राथमिक स्तर,माध्यमिक स्तर व उच्च स्तर सभी स्तरों की शिक्षा सभी स्थानों पर संभव हो सकती है।
(8.)इसके द्वारा विभिन्न विषयों संबंधित शैक्षिक विशेषज्ञों से ज्ञान प्राप्त प्राप्त हो सकता है।

 ऐडू-सेट का महत्व :-

(1.) व्यक्तिगत विषय का ज्ञाता :-  

ऐडू-सेट वह माध्यम है जिससे कोई व्यक्ति जो अपने किसी एक विषय का ज्ञाता है अर्थात् उसे बहुत अधिक ज्ञान तो वह अपने ज्ञान को अपने स्थान पर बैठे दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचा सकता है और जिसे उस ज्ञान की अवश्यकता है वह भी उस ज्ञान को अपने स्थान पर बैठे प्राप्त  कर सकता है।

(2.)बढ़ती आबादी तक शिक्षा :-

दिन-प्रतिदिन बढ़ती आबादी को नियन्त्रित करने के लिए जनसंख्या नियन्त्रण के प्रकरण को पुस्तकों में स्थान दिया गया परंतु कुछ बच्चे विद्यालय में जाकर शिक्षा प्राप्त नही कर पाते।वर्तमान में विभिन्न ऐसे शैक्षिक कार्यक्रम जो जनसंख्या नियन्त्रण से संबंधित हैं उन्हें ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से छात्रों को समझाया जाता है। अतः ऐडू-सेट ही वह माध्यम है जिससे दुनिया के हर कोने तक फैली आबादी तक जनसंख्या नियंत्रण व अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी शिक्षा से संबंधित कर ऑनलाइन पहुँच पाती है।

(3.)दूरस्थ शिक्षा सम्भव:-

ऐडू-सेट के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा सम्भव हो सकी है। कोई भी छात्र किसी भी स्थान पर बैठे किसी भी विषय के विशेषज्ञों से वार्तालाप,विचार-विमर्श कर सकता है व देखकर सीख सकता है।चाहरदीवारी कक्षा के स्थान पर आज कल बच्चे तकनीकी द्वारा दी गई शिक्षा ग्रहण करना ज्यादा पसंद करते हैं और इस प्रकार की शिक्षा से बच्चे अधिक समय तक स्मरण रख पाते हैं।

(4.) किसी भी समय इच्छाअनुसार शिक्षा -

ऐडू-सेट द्वारा ऑनलाइन शिक्षा छात्र अपनी सुविधानुसार गृहण कर सकते हैं। शिक्षक व छात्र दोनों ही समय के लिए बाध्य नहीं तो होते हैं। यह एक ऐसा माध्यम है जिससे छात्र जब चाहे इंटरनेट के माध्यम से किसी भी स्थान पर शैक्षिक कार्य कर सकते हैं।

(5.)प्रभावी शिक्षा :-

ऐडू-सेट के कारण शिक्षा प्राप्ति के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा नहीं करनी पड़ती। दोनों के अत्यंत महत्वपूर्ण समय की बचत होती है। ऐडू-सेट के कारण ऑनलाइन शिक्षा सभी के लिए वरदान साबित हुई है।

(6.) प्रोद्यौगिकी से शिक्षण व्यवस्था में बदलवा :-

ऐडू-सेंट ने सबसे अधिक शिक्षण को सरल बनाने के विकल्प उपलब्ध कराये हैं।शिक्षा से संबंधित फाइल,फोटो व वीडियो छात्रों के साथ साझा कर पाने के कारण शिक्षक अपनी रचनात्मक शिक्षा को  विद्यार्थियों तक पहुंचा सकता है। इसमें शिक्षक को विभिन्न प्रकार से पढ़ाने का भरपूर मौका मिलता है।

(7.)शिक्षक के साथ संवाद में सरलता :-

कुछ ऑनलाइन एप्लीकेशन जैसे- स्काइप, गूगल क्लास रूम के  माध्यम से छात्र शिक्षक के संपर्क में आते हैं। संचार की प्रगति के कारण छात्रों को लाभ होता है। ऐडू-सेट के कारण छात्रों व शिक्षक दोनों के लिए शिक्षा रुचिकर व सरल हो गयी है।यह ऐडू-सैट के कारण ही सम्भव हो पाया है।तकनीकी के कारण शिक्षा के सार्वभौमिकरण में सहायता मिली है। 

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