मिश्रित अध्ययन विषय (Fused Discipline) :- समाजिक जीवन की बढ़ती हुई जटिलताओं ने एक तरफ तो विशिष्टीकरण को बढ़ावा दिया जिसके परिणामस्वरूप ऐसे विशेषज्ञों की संख्या में वृद्धि होती चली गई जो न केवल एक क्षेत्र विशेष बल्कि उसकी भी किसी एक विशिष्ट छोटी इकाई के सूक्ष्म अध्ययन में जुट गए जबकि दूसरी तरफ विभिन्न क्षेत्रों मे कार्यरत समस्त व्यक्तियों को अपने सामान्य जीवन के लिए अधिक से अधिक विविध ज्ञान प्राप्त करना अनिवार्य होता चला गया। इस समस्या समाधान के उद्देश्य के परिणामस्वरूप विद्यालयों में अनिवार्य सामान्य पाठ्यचर्या के विषयों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती चली गई जिससे पाठ्यचर्या बोझिल हो गई। इससे एक जटिल स्थिति उत्पन्न हो गई क्योंकि किसी भी विषय को बिना उसकी उपादेयता कम किए पाठ्यचर्या से निकाल पाना सम्भव नहीं लगता था। इस जटिल स्थिति से निपटने के लिए शिक्षाविदों एवं विषय-विशेषज्ञों ने सभी दृष्टिकोणों से विश्लेषण करने के पश्चात् यह निष्कर्ष निकाला कि इस समस्या के समाधान का एक उपाय एक-दूसरे से सम्बद्ध विषयों का समूहीकरण हो सकता है। विभिन्न पाठ