शिक्षा में स्मार्ट फोन का प्रयोग हिंदी में (use of mobile phone in Education in hindi), फोन का use education मे in hindi in ict


जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि ऐसा फोन जो स्मार्ट तरीके से काम करता है। एेसा स्मार्ट तकनीकी तरीका जिसके कारण कोई भी व्यक्ति अधिक से अधिक कार्यो को करने के लिए सबसे पहला विकल्प स्मार्ट मोबाइल को समझता है।

       दिन-प्रतिदिन हो रहे तकनीकी परिवर्तनों ने वर्तमान में इंटरनेट व स्मार्ट फोन दोनों ने मिलकर केवल फोन ही स्मार्ट नही बनाया है। बल्कि उसे प्रयोग करने वाला व्यक्ति भी आजकल स्वयं को स्मार्ट व्यक्ति समझने लगा है। स्मार्ट फोन की सहायता से शिक्षा, व्यापार व एक-दूसरे से संचार आदि में सहायता मिलती है।अपने फोन को इंटरनेट से कनेक्ट करके प्रत्येक व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने में सम्पर्क स्थापित कर सकता है। ठीक इसी प्रकार स्मार्ट फोन शिक्षा में भी कार्य करता है। शिक्षा प्राप्ति के लिए स्मार्ट फोन के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। ऐसे तकनीकी साधनों (स्मार्ट फोन) के कारण दूरस्थ शिक्षा का विकल्प उपलब्ध हो सका है। ये विकल्प निम्न हैं:-
(1.) ऑनलाइन जानकारी,
(2.) मल्टीमीडिया तकनीकी शिक्षा,
(3.) ई-लाइब्रेरी,
(4.) ई-शिक्षण,
(5.) ई-अनुवर्ग(E- tutorial),
(6.) ई-पत्रिक,
(7.) MOOC व MOODLE,

(1.) ऑनलाइन जानकारी :-

स्मार्ट मोबाइल की सहायता से किसी भी स्थान पर सुविधानुसार आवश्यक शैक्षिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह जानकारी ऑनलाइन किसी विषय के जानकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साझा करते हैं जिससे छात्रों को विषय सम्बन्धी समस्त जानकारी उनके स्थान पर प्राप्त हो पाती है।


(2.) मल्टीमीडिया कार्य :-

 स्मार्ट मोबाइल किसी एक कार्य के लिए नही बनाया गया है बल्कि इससे एक से अधिक कार्य संभव हैं।वर्तमान समय मे ऐसे एप्लीकेशन उपलब्ध जिनकी सहायता से किसी भी तरह की शिक्षण सामग्री की ऑडियो, वीडियो या पीडीएफ फाइल बनाकर छात्रों के साथ साझा कर सकते हैं। जिसे छात्र किसी भी समय इन फाइल्स को एक से अधिक बार खोलकर देख सकते हैं। और शिक्षक भी जब चाहे तब उन फाइल्स को एक से अधिक बार साझा कर सकता है।

(3) ई-लाइब्रेरी:-

ई-लाइब्रेरी वर्तमान में ऐसा प्लटफॉर्म है। जहाँ विविध प्रकार की ई-पुस्तकें उपलब्ध हैं जिसके कारण किसी भी छात्र को अपनी रुचि की अलग से पुस्तकें खरीदकर अपने साथ हर समय रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती। ई-लाइब्रेरी के कारण छात्र अपने कॉर्स के अतिरिक्त पुस्तकें किसी भी स्थान पर बैठे पढ़ सकता है।जिस से छात्रों को शिक्षा के अतिरिक्त जनकारी भी प्राप्त हो पाती है जो छात्रों को भविष्य में भी सहायता करती है या मनोरंजन में भी सहायता करती है। ई-लाइब्रेरी द्वारा आॅडियों पुरस्तकें भी उपलब्ध हैं। जिन्हें छात्र कहीं भी यात्रा के दौरान व कहीं भी बैठे पढ़ सकता है।और यह सुविधा स्मार्ट फोन पर उपलब्ध है जिसे कोई भी छात्र सरलता से प्रयोग कर सकता है।

(4.) ई-शिक्षण:-

सामान्यतः यह देखा जाता है कि छात्र कक्षा में अध्यापक द्वारा पढ़ाये गये विषयों को एक बार में नहीं समझ पाता है तो वह उस विषय या किसी प्रकरण को समझने के लिए विषय विशेषज्ञों की सहायता ले सकता है। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को कक्षा के अतिरिक्त अन्य शिक्षक की अॉनलाइन सेवा लेना ई-ट्यूशन अर्थात्  ई-शिक्षण कहलाता है। इस प्रकार की सेेवा को किसी वेबसाइट, फेसबुक, ई-मेल आदि के द्वारा प्राप्त किया जा सका है और यह सभी सेवाऐं स्मार्ट मोबाइल पर सरलता से प्राप्त की जा सकती है। इस तरह की तकनीकी का प्रयोग कर शिक्षा प्राप्त करने में छात्र भी अधिक रुचि लेते हैं। स्मार्ट फोन को सरलता से कहीं भी ले जाया जा सकता है। अतः स्मार्ट फोन इन सभी सेवाओं को प्राप्त करने का अच्छा साधन है।

(5.) ई-अनुवर्ग:-

ऐसा इलैक्ट्रॉनिक ट्यूटोरियल जिसमे छात्रों को उनके स्थान पर डिजिटल शिक्षण सामग्री उपलब्ध करायी जाती है। इस प्रक्रिया में बच्चों के छोटे छोटे समूह बना दिए जाते हैं। फिर विशेष योग्यता वाले विभिन्न शिक्षकों द्वारा शैक्षिक पठन पाठन कार्य अलग अलग समूहों में कराया जाता है। छात्र अपने समूह साथी व शिक्षक से अपनी समस्याओं का  हल आपस में विचार विमर्श कर प्राप्त कर पाते हैं। इस प्रक्रिया में छात्र अपनी इच्छा अनुसार समूह से जुड़ सकते हैं और अलग हो सकते हैं। और यह कार्य छात्र व शिक्षक अपने अपने स्थान पर बैठे कर सकते हैं।

(6.) ई-पत्रिका:-

ये पत्रिकाएँ सामान्य पत्रिका की ही भाँति होती हैं। इन पत्रिकाओं का प्रकाशन, बुलेटिन बोर्ड प्रणाली के माध्यम से इंटरनेट पर किया जाता है।कुछ पत्रिकाएँ वर्ल्ड वाइड वेब के द्वारा प्रकाशित की जाती हैं, उन्हें वेब-पत्रिकाएँ कहते हैं।ई-पत्रिकाएँ पाठकों के हित के अनुरूप कार्य करती है। इनके विषय सामाजिक, विज्ञान, उद्योग व शिक्षा से सम्बन्धित होते हैं। इन पत्रिकाओं के प्रयाग से छात्र अपनी आवश्यकता के अनुसार सामग्री को एकत्रित कर सकते हैं।

             इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि छात्र अपने घर बैठे दुनिया के किसी भी कोने में अपने स्मार्ट मोबाइल के माध्यम से शिक्षण सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।

(7.) MOOC व MOODLE :- 

ये ऐसा प्लेटफॉर्म हैं जिनसे छात्र अपने स्मार्ट मोबाइल पर ही mooc व moodle की वेबसाइट पर समस्त शिक्षण सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। इन वेबसाइट का प्रयोग मोबाइल पर सरलता से कर पाने के कारण दूरस्थ शिक्षा संभव हो पायी है। ये दोनों ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जिन्हें विश्व के किसी भी कोने से सिर्फ स्मार्ट फोन की सहायता से सुगतापूर्वक प्रयोग किया जा सकता है।स्मार्ट फोन पर इन वेबसाइट के माध्यम से विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के विषय विशेषज्ञों का साथ सम्पर्क कर पाठ्यक्रम की
जानकारी प्राप्त कर सकता है।

निष्कर्ष:-

        अतः स्मार्ट मोबाइल ऐसा माध्यम जिसे वह सरलता से अपने बैग या पॉकेट में डालकर ले जा सकता है।और किसी भी स्थान पूर बैठकर प्रयोग कर अपने शिक्षण कार्य को जारी रख सकते हैं। वर्तमान में कम्प्यूटर व लैपटॉप के स्थान पर स्मार्ट फोन अधिक सस्ते व प्रयोग में भी सरल होते हैं।

             ऊपर दिए गये सभी बिंदु जो कि शिक्षा के ही माध्यम है उन्हें स्मार्ट मोबाइल पर सरलता से प्रयोग किया जा सकता है। अतः हम कह सकते हैं कि वर्तमान में स्मार्ट मोबाइल शिक्षा की प्रगति का अच्छा साधन है।


Comments

Popular posts from this blog

विषयों एवं विद्यालयी विषयों की समझ (अध्ययन विषय (डिसीप्लीन) का अर्थ एवं परिभाषाएँ) definition and meaning of understanding discipline and school subjects in hindi

शिक्षा में प्रणाली उपागम तकनीक का प्रयोग पार्ट-3

विषयों एवं विद्यालयी विषयों की समझ (अध्ययन विषयों का इतिहास,महत्व) history And importance of dicipline in hindi